अमेरिका-चीन के बीच पहले चरण की ट्रेड डील होने से शुक्रवार को ब्रेंट क्रूड का रेट 1.6% बढ़कर 65.22 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया। दुनिया की दो प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं के बीच टैरिफ विवाद थमने से यह उम्मीद की जा रही है कि मैन्युफैक्चरिंग में तेजी आएगी, इससे फ्यूल डिमांड भी बढ़ेगी। केडिया कमोडिटीज के डायरेक्टर अजय केडिया ने दैनिक भास्कर को बताया कि कच्चे तेल में तेजी जारी रही तो अगले दो हफ्ते में भाव 4.5% बढ़कर 68 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है। इससे पेट्रोल-डीजल 1-1.5 रुपए तक महंगे हो जाएंगे।
तेल कंपनियां क्रूड के 15 दिन के औसत भाव और रुपया-डॉलर एक्सचेंज रेट के हिसाब से हर दिन पेट्रोल-डीजल के रेट तय करती हैं। भारत अपनी जरूरत का 80% से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है। ब्रेंट क्रूड के रेट में इस साल 21% बढ़ोतरी हो चुकी। तेल कंपनियों के लिए आयात महंगा होता है तो वे रेट बढ़ाती हैं। उन्हें इंपोर्ट बिल का भुगतान डॉलर में करना होता है, इसलिए करंसी एक्सचेंज रेट भी मायने रखता है।
दिल्ली में पेट्रोल का रेट शुक्रवार को 5 पैसे घटकर 74.84 रुपए प्रति लीटर हो गया। तीन दिन में 16 पैसे सस्ता हो चुका है, लेकिन 9 दिसंबर को एक साल के उच्च स्तर 75 रुपए पर पहुंच गया था। इससे पहले 23 नवंबर 2018 को 75.25 रुपए पर था। बीते एक महीने की बात करें तो पेट्रोल 1.39 रुपए महंगा हुआ है। 14 नवंबर को रेट 73.45 रुपए था।